मॉनसून मॉर्डन का बेंचमार्क या भूल: मिनी विनीशिया बन गया 'मिलेनियम सिटी' — गुरुग्राम में बाढ़,
- Digital Bookish
- 6 days ago
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ट्रैफिक का बुरा हाल और जनता का गुस्सा!

गुरुग्राम, जिसे कभी "मिलेनियम सिटी" के नाम से देश-दुनिया में मॉडर्न इन्फ्रास्ट्रक्चर और स्मार्ट सिटी के मॉडल के तौर पर पेश किया जाता है, आजकल हर मॉनसून में "मिनी विनीशिया" जैसा नजारा पेश करता है। आईटी हब, कॉर्पोरेट जगत का ठिकाना और लक्ज़री अपार्टमेंट्स से घिरा यह शहर, बारिश के कुछ घंटों में पानी-पानी हो जाता है। सवाल उठता है कि क्या गुरुग्राम का "मॉडर्न मॉडल" असल में एक बेंचमार्क है या फिर एक बड़ी भूल?
🌀 बाढ़ से जूझता मिलेनियम सिटी
जैसे ही मॉनसून की तेज बारिश होती है, गुरुग्राम की मुख्य सड़कों पर 2–3 फीट तक पानी भर जाता है। सड़कों का हाल ऐसा कि गाड़ियां तैरती हुई नज़र आती हैं। सोशल मीडिया पर लोग वीडियो डालकर इसे "गुरुग्राम की वेनिस टूर" बताने लगे हैं।
NH-48 पर जाम – दिल्ली से जयपुर जाने वाला नेशनल हाईवे घंटों तक ठप।
सोहना रोड, गोल्फ कोर्स रोड, साइबर सिटी – पानी भरे गड्ढों में बदल गए।
कॉर्पोरेट ऑफिसेज – कर्मचारी घंटों तक ट्रैफिक में फंसे रहे।
🚗 ट्रैफिक का बुरा हाल

गुरुग्राम का ट्रैफिक वैसे ही देशभर में कुख्यात है, लेकिन मॉनसून इसे पूरी तरह पंगु बना देता है।
2 किलोमीटर का सफर तय करने में 1–2 घंटे लग जाते हैं।
कैब ड्राइवर्स और डिलीवरी बॉय सबसे ज्यादा परेशान।
इमरजेंसी सर्विसेज की गाड़ियां तक जाम में फंसी रहती हैं।
🏘️ जनता का गुस्सा
सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा साफ झलकता है:
"मिलेनियम सिटी में रहकर भी गाँव जैसी सुविधाएँ!"
"इतना टैक्स देने के बाद भी हर साल यही हाल?"
"क्या गुरुग्राम सिर्फ बिल्डर्स और कॉर्पोरेट्स के लिए है?"
लोग पूछ रहे हैं कि जब करोड़ों-करोड़ों का बजट विकास परियोजनाओं में लगाया गया, तो फिर हर साल गुरुग्राम क्यों डूब जाता है?
🔍 असली कारण क्या हैं?
खराब ड्रेनेज सिस्टम – प्लानिंग के बावजूद पानी निकासी की कोई मजबूत व्यवस्था नहीं।
अत्यधिक कंक्रीट और कंस्ट्रक्शन – जमीन पानी सोख ही नहीं पाती।
अतिक्रमण – नालों और जलाशयों पर कब्जा।
मॉडर्न सिटी का दिखावा – ऊँची-ऊँची इमारतें, लेकिन बेसिक इन्फ्रास्ट्रक्चर कमजोर।
🌏 जनता की राय: “मॉर्डनिटी या मृगतृष्णा?”
गुरुग्राम के लोग अब सवाल उठा रहे हैं कि आखिर ये "मॉर्डन सिटी" सिर्फ नाम की क्यों है? क्या ऊँची-ऊँची बिल्डिंग्स, मॉल्स और आईटी पार्क ही किसी शहर को स्मार्ट बनाते हैं?
असल स्मार्टनेस तो सस्टेनेबल अर्बन प्लानिंग में है – जहां नागरिकों की सुविधा, सुरक्षा और प्राकृतिक आपदाओं से बचाव हो।
✍️ निष्कर्ष
गुरुग्राम, जिसे कभी इंडिया का मॉडर्न चेहरा बताया गया, आज बारिश में "मॉडर्न डिजास्टर" का पर्याय बन गया है। जनता अब चाहती है जवाबदेही — चाहे वह नगर निगम हो, डेवलपर्स हों या प्रशासन।
अगर यही हाल रहा तो "मिलेनियम सिटी" का टैग जनता के लिए मज़ाक बनकर रह जाएगा।
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