बिहार में 2025 विधानसभा चुनाव के लिए मतदाता सूची संशोधन शुरू, जमशेदपुर में 5 लाख से अधिक भक्तों ने जगन्नाथ रथ यात्रा में लिया हिस्सा
- Digital Bookish
- Jun 30
- 4 min read
बिहार में मतदाता सूची संशोधन: 2025 विधानसभा चुनाव की तैयारी

बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है, और भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने इसके लिए एक विशेष गहन मतदाता सूची संशोधन अभियान शुरू किया है। यह अभियान 25 जून 2025 से शुरू हो चुका है और 30 सितंबर 2025 तक चलेगा। यह संशोधन 2003 के बाद पहली बार इतने बड़े पैमाने पर किया जा रहा है, जिसे आयोग ने ऐतिहासिक कदम बताया है।
इस अभियान के तहत, बिहार के 7.89 करोड़ मतदाताओं के लिए नए फॉर्म छपवाए गए हैं, जिनका वितरण रविवार, 29 जून 2025 से शुरू हो रहा है। ये फॉर्म सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों में घर-घर जाकर बांटे जाएंगे। मतदाता इन फॉर्म्स को ऑनलाइन भी भर सकते हैं। जिन 4.96 करोड़ मतदाताओं ने 2003 में पंजीकरण कराया था, उन्हें केवल अपनी जानकारी सत्यापित करने की आवश्यकता है।
निर्वाचन आयोग ने इस प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए 20,000 से अधिक नए बूथ लेवल ऑफिसर (BLOs) नियुक्त करने की योजना बनाई है, जो पहले से मौजूद 78,000 BLOs के साथ काम करेंगे। इसके अलावा, 1 लाख से अधिक स्वयंसेवक बुजुर्गों, बीमार लोगों, दिव्यांगजनों, गरीबों और अन्य कमजोर समूहों को सहायता प्रदान करेंगे। सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों ने 1,54,977 बूथ लेवल एजेंट्स (BLAs) नियुक्त किए हैं और वे और भी नियुक्त कर सकते हैं।
हालांकि, इस अभियान को लेकर विपक्ष ने चिंता जताई है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव ने इसे अचानक उठाया गया कदम बताया और कहा कि 25 दिनों में 8 करोड़ लोगों की नई मतदाता सूची तैयार करना असंभव है। उन्होंने इसे मताधिकार के लिए खतरा बताया। एक अन्य पोस्ट में, @indreshmaikhuri ने भी इस संशोधन पर सवाल उठाए, इसे चुनाव से ठीक पहले लिया गया संदिग्ध निर्णय करार दिया।
इसके बावजूद, आयोग का कहना है कि यह अभियान सभी योग्य नागरिकों को मतदाता सूची में शामिल करने और सूची को अपडेट करने के लिए है। राजनीतिक दलों को इस प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया है। यह कदम बिहार के अक्टूबर-नवंबर 2025 में होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारी का हिस्सा है, जिसमें राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और महागठबंधन (INDIA Alliance) के बीच कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद है।
NDA ने सीट-बंटवारे का फॉर्मूला तय कर लिया है, जिसमें जनता दल (यूनाइटेड) (JDU) 102-103 सीटों पर और भारतीय जनता पार्टी (BJP) 100-102 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के नेता चिराग पासवान को 25-28 सीटें मिल सकती हैं, जबकि बाकी सीटें छोटे सहयोगियों जैसे HAM और RML के बीच बांटी जाएंगी। दूसरी ओर, महागठबंधन ने सभी 243 सीटों पर एकजुट होकर लड़ने की घोषणा की है, जिसमें तेजस्वी यादव को एक प्रमुख चेहरा माना जा रहा है, हालांकि अभी तक औपचारिक रूप से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा नहीं हुई है।
जमशेदपुर में जगन्नाथ रथ यात्रा: 5 लाख भक्तों की भागीदारी
जमशेदपुर, झारखंड में 27 जून 2025 को भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा का आयोजन किया गया, जिसमें 5 लाख से अधिक भक्तों ने हिस्सा लिया। यह वार्षिक उत्सव 5 किलोमीटर लंबे मार्ग पर आयोजित हुआ, जिसमें भक्तों ने उत्साह और भक्ति के साथ भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथों को खींचा।
इस रथ यात्रा का आयोजन जमशेदपुर के विभिन्न मंदिरों और धार्मिक संगठनों द्वारा किया गया था। रथों को रंग-बिरंगे फूलों और सजावटी सामग्रियों से सजाया गया था, और भक्तों ने भजनों और कीर्तनों के साथ उत्सव में हिस्सा लिया। यह आयोजन शांतिपूर्ण और उत्साहपूर्ण रहा, जिसमें स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्था के लिए व्यापक इंतजाम किए थे।
हालांकि, इस तरह के बड़े धार्मिक आयोजनों में भीड़ प्रबंधन एक चुनौती होता है। उदाहरण के लिए, उड़ीसा के पुरी में आयोजित एक अन्य रथ यात्रा में भीड़ के दबाव के कारण 500 से अधिक भक्त घायल हो गए थे। लेकिन जमशेदपुर में इस बार ऐसा कोई बड़ा हादसा सामने नहीं आया, और आयोजन सुचारू रूप से संपन्न हुआ।
क्षेत्रीय और सामाजिक प्रभाव
बिहार में मतदाता सूची का संशोधन न केवल चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सामाजिक समावेशिता को भी बढ़ावा देता है, क्योंकि इसमें कमजोर और हाशिए पर मौजूद समूहों को विशेष ध्यान दिया जा रहा है। हालांकि, विपक्ष की चिंताओं को देखते हुए, यह जरूरी है कि यह प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी हो ताकि मतदाताओं का भरोसा बना रहे।
जमशेदपुर की रथ यात्रा न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि यह सामाजिक एकता और सांस्कृतिक विरासत को भी दर्शाती है। लाखों भक्तों का एक साथ उत्सव में शामिल होना सामुदायिक भावना को मजबूत करता है। यह आयोजन स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देता है, क्योंकि इससे व्यापार और पर्यटन में वृद्धि होती है।
निष्कर्ष
बिहार में मतदाता सूची संशोधन और जमशेदपुर में जगन्नाथ रथ यात्रा, दोनों ही घटनाएं 29 जून 2025 तक की ताजा खबरों का हिस्सा हैं। जहां एक ओर मतदाता सूची संशोधन बिहार के लोकतांत्रिक भविष्य को आकार देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, वहीं जमशेदपुर की रथ यात्रा झारखंड की सांस्कृतिक और धार्मिक समृद्धि को दर्शाती है। दोनों घटनाएं अपने-अपने क्षेत्रों में सामाजिक और राजनीतिक बदलाव की प्रतीक हैं।
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