राहुल गांधी की 'वोटर अधिकार यात्रा': बिहार में मतदान अधिकारों की रक्षा के लिए एक ऐतिहासिक कदम
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परिचय

कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी 17 अगस्त 2025 को बिहार के सासाराम जिले से 'वोटर अधिकार यात्रा' शुरू करने जा रहे हैं। यह 16 दिन की यात्रा, जो 1,300 किलोमीटर से अधिक दूरी तय करेगी, बिहार में विशेष गहन संशोधन (Special Intensive Revision - SIR) के माध्यम से मतदाता सूची में कथित अनियमितताओं और "वोट चोरी" के खिलाफ एक बड़े पैमाने पर जन आंदोलन को बढ़ावा देने के लिए आयोजित की जा रही है। यह यात्रा बिहार विधानसभा चुनाव से पहले इंडिया गठबंधन (INDIA bloc) के लिए एक मजबूत माहौल बनाने का प्रयास है, जो अक्टूबर-नवंबर 2025 में होने की संभावना है।
यात्रा का उद्देश्य
'वोटर अधिकार यात्रा' का मुख्य उद्देश्य बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन संशोधन (SIR) के दौरान कथित तौर पर हो रही अनियमितताओं के खिलाफ आवाज उठाना है। कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के अन्य सहयोगी दलों का दावा है कि इस प्रक्रिया में लाखों मतदाताओं के नाम गलत तरीके से हटाए जा रहे हैं, जिससे दलितों, अल्पसंख्यकों, और अन्य वंचित समुदायों के मतदान के अधिकार को खतरा हो रहा है। राहुल गांधी ने इसे न केवल एक चुनावी मुद्दा बल्कि लोकतंत्र, संविधान, और 'एक व्यक्ति, एक वोट' के सिद्धांत की रक्षा की लड़ाई बताया है।
इस यात्रा का लक्ष्य जनता को जागरूक करना, मतदाता सूची को स्वच्छ और पारदर्शी बनाने की मांग करना, और कथित "वोट चोरी" के खिलाफ एक जन आंदोलन खड़ा करना है। कांग्रेस ने इसे "लोकतंत्र बचाओ" अभियान का हिस्सा बताया है, जिसमें मतदाता अधिकारों की रक्षा के लिए कई गतिविधियाँ शामिल हैं, जैसे कि 'लोकतंत्र बचाओ मशाल मार्च' और 'वोट चोर, गद्दी छोड़' रैलियाँ।
यात्रा का विवरण
प्रारंभ तिथि और स्थान: यात्रा 17 अगस्त 2025 को सासाराम (रोहतास जिला) से शुरू होगी।
अवधि: यह 16 दिन की यात्रा होगी, जिसमें 3 दिन (20, 25, और 31 अगस्त) को विश्राम के लिए निर्धारित किया गया है।
दूरी और कवरेज: यात्रा 1,300 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करेगी और बिहार के 25 जिलों को कवर करेगी, जिनमें औरंगाबाद, गया, नालंदा, भागलपुर, पूर्णिया, दरभंगा, और चंपारण जैसे प्रमुख जिले शामिल हैं।
समापन: यात्रा 1 सितंबर 2025 को पटना के गांधी मैदान में एक विशाल रैली के साथ समाप्त होगी, जिसमें इंडिया गठबंधन के कई प्रमुख नेता शामिल होंगे।
सहयोगी: सासाराम में यात्रा के प्रारंभ में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव और अन्य गठबंधन सहयोगी, जैसे कि तीन वामपंथी दल, राहुल गांधी के साथ शामिल होंगे।
यात्रा का राजनीतिक महत्व
यह यात्रा बिहार विधानसभा चुनाव से पहले इंडिया गठबंधन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। कांग्रेस और इसके सहयोगी दलों का मानना है कि वर्तमान नीतीश कुमार की सरकार, जो भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ गठबंधन में है, जनता में असंतोष का सामना कर रही है। इस यात्रा के माध्यम से, गठबंधन का उद्देश्य न केवल मतदाता सूची में कथित अनियमितताओं को उजागर करना है, बल्कि जनता के बीच एक मजबूत विपक्षी माहौल बनाना भी है।
कांग्रेस के मीडिया और प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा, "जब भी राहुल गांधी यात्रा पर निकलते हैं, देश का लोकतंत्र एक नया मोड़ लेता है। यह यात्रा न केवल मतदाता अधिकारों की रक्षा के लिए है, बल्कि यह एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित होगी।"
कथित "वोट चोरी" और निर्वाचन आयोग पर आरोप

कांग्रेस और इंडिया गठबंधन ने निर्वाचन आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका दावा है कि SIR प्रक्रिया के तहत मतदाता सूची से लाखों लोगों के नाम हटाए जा रहे हैं, जिसका उद्देश्य विपक्षी मतदाताओं को दबाना और BJP के पक्ष में चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करना है। पूर्व बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि कई दलों, यहाँ तक कि NDA के सहयोगी जैसे आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने भी SIR के खिलाफ चिंता जताई है, लेकिन BJP और नीतीश कुमार की जदयू ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है।
राहुल गांधी ने 7 अगस्त को कर्नाटक के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में 1,00,250 वोटों की "चोरी" का दावा करते हुए निर्वाचन आयोग पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा कि आयोग की कार्रवाइयाँ बाबासाहेब आंबेडकर की चेतावनी को याद दिलाती हैं कि संविधान को सबसे बड़ा खतरा उन लोगों से है जो "मूर्ख या चालाक" हैं।
जनता को जागरूक करने की रणनीति
कांग्रेस ने इस मुद्दे को जनता तक ले जाने के लिए कई रणनीतियाँ अपनाई हैं:
सोशल मीडिया अभियान: राहुल गांधी और कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कई पोस्ट किए हैं, जिसमें 'वोट चोरी से आजादी' अभियान को बढ़ावा दिया गया है। एक वीडियो, जो कि फिल्म 'लापता लेडीज' से प्रेरित है, में दिखाया गया है कि एक व्यक्ति पुलिस स्टेशन में अपनी "वोट की चोरी" की शिकायत दर्ज करता है।
लोकतंत्र बचाओ मशाल मार्च: 14 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर, कांग्रेस ने देश भर में 'लोकतंत्र बचाओ' मशाल मार्च आयोजित किए।
वोट चोर, गद्दी छोड़ रैलियाँ: 22 अगस्त से 7 सितंबर तक, सभी राज्य की राजधानियों में रैलियाँ आयोजित की जाएँगी।
हस्ताक्षर अभियान: 15 सितंबर से 15 अक्टूबर तक, मतदाता अधिकारों की रक्षा के लिए एक हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा।
तेजस्वी यादव और RJD की भूमिका
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) इस यात्रा में एक महत्वपूर्ण सहयोगी है। RJD नेता तेजस्वी यादव, जो बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं, यात्रा के प्रारंभ में राहुल गांधी के साथ शामिल होंगे। RJD ने एक दो मिनट का गीत भी लॉन्च किया है, जिसमें हिंदी और भोजपुरी मिश्रित गीत के बोल हैं। इस गीत में तेजस्वी यादव को एक सतर्क नेता के रूप में दिखाया गया है, जो जनता को जागरूक करने और उनके मतदान अधिकारों की रक्षा करने के लिए तैयार है।
बिहार के लिए संदेश

राहुल गांधी ने अपने X पोस्ट में लिखा, "16 दिन, 20+ जिले, 1,300+ किलोमीटर। हम वोटर अधिकार यात्रा लेकर जनता के बीच आ रहे हैं। यह सबसे बुनियादी लोकतांत्रिक अधिकार - 'एक व्यक्ति, एक वोट' की रक्षा की लड़ाई है। संविधान को बचाने के लिए बिहार में हमारे साथ जुड़िए।"
कांग्रेस ने बिहार की जनता से इस यात्रा में शामिल होने की अपील की है, ताकि वे अपने अधिकारों और लोकतंत्र की रक्षा के लिए एकजुट हो सकें। पार्टी का कहना है कि यह यात्रा केवल एक राजनीतिक अभियान नहीं है, बल्कि यह हर नागरिक की पहचान और अधिकारों की रक्षा का एक आंदोलन है।
संभावित प्रभाव
लोकतंत्र पर प्रभाव: यह यात्रा बिहार में मतदाता जागरूकता को बढ़ाने और निर्वाचन आयोग पर दबाव बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
राजनीतिक माहौल: इंडिया गठबंधन को उम्मीद है कि यह यात्रा बिहार में विपक्ष के पक्ष में एक मजबूत माहौल बनाएगी, जो विधानसभा चुनाव में उनकी स्थिति को मजबूत करेगा।
सामाजिक प्रभाव: दलितों, अल्पसंख्यकों, और अन्य वंचित समुदायों के बीच यह यात्रा एकता और जागरूकता का संदेश दे सकती है।
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