बॉलीवुड सितारों ने ए.आई.-जनित कंटेंट को चुनौती दी: पहचान की रक्षा में कानूनी संघर्ष
- Digital Bookish
- 3 days ago
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🎬 परिचय

आज के डिजिटल युग में, जहां ए.आई. (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और डीपफेक तकनीक ने कंटेंट निर्माण के नए आयाम खोले हैं, वहीं बॉलीवुड सितारे अपनी पहचान और प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। हाल ही में, अभिनेता अभिषेक बच्चन और ऐश्वर्या राय बच्चन ने यूट्यूब और गूगल के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में मुकदमा दायर किया है। उनका आरोप है कि उनकी छवि और आवाज़ का बिना अनुमति के उपयोग कर ए.आई.-जनित आपत्तिजनक वीडियो बनाए गए हैं, जो उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचा रहे हैं।
🧠 ए.आई. और डीपफेक: क्या हैं ये तकनीकें?
ए.आई. (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस): कंप्यूटर सिस्टम द्वारा मानव बुद्धिमत्ता की नकल करने की प्रक्रिया।
डीपफेक: ए.आई. तकनीक का उपयोग करके किसी व्यक्ति के चेहरे, आवाज़ या हाव-भाव को बदलकर नकली वीडियो या ऑडियो तैयार करना।
🧾 कानूनी पहलू: बॉलीवुड सितारों की लड़ाई
अभिषेक और ऐश्वर्या राय बच्चन का आरोप है कि यूट्यूब पर उनके बिना अनुमति के बनाए गए वीडियो अपलोड किए गए, जिनमें उनकी छवि का दुरुपयोग किया गया। उनका कहना है कि ये वीडियो ए.आई. मॉडल को प्रशिक्षित करने के लिए उपयोग किए गए, जो उनके व्यक्तित्व अधिकारों का उल्लंघन है। इसके परिणामस्वरूप, उन्होंने यूट्यूब और गूगल के खिलाफ ₹4 करोड़ का हर्जाना मांगा है।
🛡️ डिजिटल पहचान की सुरक्षा: क्या कर रहे हैं प्लेटफ़ॉर्म्स?
यूट्यूब ने इन वीडियो को हटाने की प्रक्रिया शुरू की है, लेकिन कई वीडियो अभी भी ऑनलाइन हैं। यह स्थिति ए.आई. द्वारा उत्पन्न कंटेंट के लिए प्लेटफ़ॉर्म्स की जिम्मेदारी और जवाबदेही पर सवाल उठाती है।
⚖️ भारत में कानूनी स्थिति
भारत में, व्यक्तित्व अधिकारों की रक्षा के लिए कुछ कानूनी प्रावधान हैं, लेकिन ए.आई. और डीपफेक जैसी नई चुनौतियों के लिए विशेष कानूनों की आवश्यकता है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने पहले भी अनिल कपूर की छवि के दुरुपयोग पर रोक लगाई थी, जो इस दिशा में एक सकारात्मक कदम था।
🌐 वैश्विक परिप्रेक्ष्य
अमेरिका में, कैलिफोर्निया ने ए.आई.-जनित डीपफेक कंटेंट पर प्रतिबंध लगाने के लिए कानून बनाए हैं, जबकि यूरोप में इसे जोखिम के आधार पर वर्गीकृत किया गया है और पारदर्शिता की आवश्यकता है। भारत में भी, डीपफेक और ए.आई. द्वारा उत्पन्न कंटेंट से निपटने के लिए ठोस कानूनी ढांचे की आवश्यकता है।
🛡️ समाधान और सुझाव
कानूनी ढांचे का सुदृढ़ीकरण: ए.आई. और डीपफेक जैसी नई तकनीकों के लिए विशेष कानूनों की आवश्यकता है।
प्लेटफ़ॉर्म्स की जवाबदेही: कंटेंट अपलोड करने वाले प्लेटफ़ॉर्म्स को जिम्मेदार ठहराया जाए।
सार्वजनिक जागरूकता: लोगों को ए.आई. और डीपफेक के खतरों के बारे में शिक्षित किया जाए।
प्रौद्योगिकी का उपयोग: डीपफेक का पता लगाने के लिए तकनीकी उपायों को अपनाया जाए।
📌 निष्कर्ष
बॉलीवुड सितारों की यह कानूनी लड़ाई केवल उनकी व्यक्तिगत पहचान की रक्षा नहीं, बल्कि डिजिटल युग में हर व्यक्ति की पहचान की सुरक्षा का मुद्दा है। हमें एक ऐसे कानूनी और तकनीकी ढांचे की आवश्यकता है, जो ए.आई. और डीपफेक जैसी नई चुनौतियों का सामना कर सके और लोगों की पहचान की रक्षा कर सके।
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