Australian Vlogger पर बवाल: ‘India’s Deadliest Slum’ कहने पर उठे सवाल – जानिए पूरा मामला
- Digital Bookish
- 3 days ago
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ऑस्ट्रेलियन व्लॉगर ने भारत को लेकर दिया विवादित बयान

हाल ही में एक ऑस्ट्रेलियन व्लॉगर (यूट्यूबर/ट्रैवल कंटेंट क्रिएटर) ने भारत की एक झुग्गी बस्ती (slum) को लेकर ऐसा बयान दिया, जिसने सोशल मीडिया पर भारी बवाल खड़ा कर दिया। इस व्लॉगर ने अपने वीडियो में दावा किया कि "यह भारत की सबसे खतरनाक और घातक स्लम (India’s Deadliest Slum)" है।
उसके इस बयान के बाद भारतीय दर्शकों, सोशल मीडिया यूजर्स और स्थानीय लोगों में गुस्सा फैल गया। लोगों का कहना है कि यह दावा न केवल भारत की छवि को नुकसान पहुँचाने वाला है, बल्कि यह पूरी तरह से भ्रामक और अपमानजनक है।
विवाद की शुरुआत कैसे हुई?
व्लॉगर ने भारत की एक स्लम कॉलोनी का वीडियो शूट किया और उसे "India’s Deadliest Slum" शीर्षक के साथ यूट्यूब पर अपलोड कर दिया। वीडियो में दिखाया गया कि यहां रहने वाले लोग कितनी कठिन परिस्थितियों में जीवन जी रहे हैं, लेकिन व्लॉगर ने इसे एक "खतरनाक जगह" की तरह पेश किया।
➡️ लोगों का आरोप है कि:
यह वीडियो भारत को जानबूझकर "गरीबी और अपराध" की नजर से दिखाता है।
व्लॉगर ने भारत की झुग्गी बस्तियों की असली तस्वीर नहीं दिखाई, बल्कि सिर्फ नकारात्मक पहलू को हाईलाइट किया।
कई भारतीय यूजर्स का कहना है कि व्लॉगर को "गरीबी टूरिज्म (Poverty Tourism)" से फायदा उठाने की आदत है।
सोशल मीडिया पर जबरदस्त गुस्सा
जैसे ही वीडियो वायरल हुआ, ट्विटर (अब X), इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर भारतीय यूजर्स ने व्लॉगर को ट्रोल करना शुरू कर दिया।
👉 कुछ यूजर्स ने लिखा:
"ये भारत नहीं, बल्कि तुम्हारी सोच की गंदगी है।"
"सच्चाई ये है कि इन बस्तियों में इंसानियत, प्यार और मेहनत ज्यादा है, लेकिन तुमने सिर्फ गरीबी देखी।"
"विदेशी व्लॉगर भारत आकर हमेशा गरीबी को ही कंटेंट क्यों बनाते हैं?"
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
उस स्लम कॉलोनी में रहने वाले लोगों का कहना है कि भले ही वे आर्थिक तंगी से जूझ रहे हों, लेकिन "deadliest" (सबसे घातक/खतरनाक) कहना पूरी तरह गलत है।
उनका कहना है कि यहां लोग मेहनतकश हैं, बच्चे पढ़ाई करते हैं, और समाज आगे बढ़ने की कोशिश करता है। विदेशी व्लॉगर सिर्फ अपने व्यूज़ और पैसे के लिए "भ्रामक टैग" लगाकर बदनाम करते हैं।
एक्सपर्ट्स की राय
मीडिया एक्सपर्ट्स का मानना है कि विदेशी व्लॉगर अक्सर भारत, अफ्रीका और एशिया के देशों की गरीबी को कंटेंट बनाकर पैसे कमाते हैं। इसे "Poverty Porn" भी कहा जाता है। इससे उन देशों की अंतरराष्ट्रीय छवि पर नकारात्मक असर पड़ता है।
निष्कर्ष
यह विवाद दिखाता है कि सोशल मीडिया और यूट्यूब पर कंटेंट क्रिएशन की जिम्मेदारी बहुत बड़ी होती है। एक गलत शब्द या
गलत फ्रेमिंग से लाखों लोगों की भावनाएँ आहत हो सकती हैं और एक देश की छवि खराब हो सकती है।
भारतीय दर्शकों का यह गुस्सा जायज़ है कि दुनिया भर के क्रिएटर्स को भारत की पहचान सिर्फ गरीबी या स्लम से नहीं करनी चाहिए, बल्कि यहाँ की संस्कृति, विकास, नवाचार और मेहनती लोगों की कहानियों को भी दुनिया के सामने लाना चाहिए।
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